मुझे नहीं पता आपका पाला इस कहावत से पड़ा है। बैसे तो ये कहावत अक्सर उन लोगों पर फिट बैठती है, जो लोग इसके सुनने के भागीदार होते है।
इस कहावत के मुख्य लक्ष्ण क्या है? या यूँ कह देयो की इसकी विशेषताएं क्या होती है। उनके मुख्य लक्षणों को, मैं आपको बता दे रहा हूँ। वाकी अगर आप लोगो को कछु विशेषता पता हो तो हमें कमेंट कर दियो-
पहली विशेषता : जैसे किसी को जाड़े के महीना मै जाड़ो तो बहुत लग रहो है, लेकिन कोई कपडा न पहनने को मन कर रहो होये, तो इस बात को जे मतलब है, जैसे की "मरने को मूड कर रहो और कफ़न को गांड फट रही"।। ऐसे केस में जा कहावत फिट बैठ जात है।
दूसरी विशेषता : जैसे किसी को जाड़े के महीना मै नहाने को मन तो बहुत कर रहो है, लेकिन "दिल्ली की सर्दी वालो टैंक को पानी मै" और बहुत बिकट हवा चल रही होये, और "बहुत ठण्ड है" ऐसे डायलॉग बोले, तो इस बात को जे मतलब है, जैसे की "मरने को मूड कर रहो और कफ़न को गांड फट रही"। ऐसे केस में भी जा कहावत फिट बैठ जात है।
अभी तो जेई कंडीसन पता है। वाकी आप लोग कुछ कमेंट क्र देओ।
वक्त देने के लिए, धन्यबाद।
इस कहावत के मुख्य लक्ष्ण क्या है? या यूँ कह देयो की इसकी विशेषताएं क्या होती है। उनके मुख्य लक्षणों को, मैं आपको बता दे रहा हूँ। वाकी अगर आप लोगो को कछु विशेषता पता हो तो हमें कमेंट कर दियो-
पहली विशेषता : जैसे किसी को जाड़े के महीना मै जाड़ो तो बहुत लग रहो है, लेकिन कोई कपडा न पहनने को मन कर रहो होये, तो इस बात को जे मतलब है, जैसे की "मरने को मूड कर रहो और कफ़न को गांड फट रही"।। ऐसे केस में जा कहावत फिट बैठ जात है।
दूसरी विशेषता : जैसे किसी को जाड़े के महीना मै नहाने को मन तो बहुत कर रहो है, लेकिन "दिल्ली की सर्दी वालो टैंक को पानी मै" और बहुत बिकट हवा चल रही होये, और "बहुत ठण्ड है" ऐसे डायलॉग बोले, तो इस बात को जे मतलब है, जैसे की "मरने को मूड कर रहो और कफ़न को गांड फट रही"। ऐसे केस में भी जा कहावत फिट बैठ जात है।
अभी तो जेई कंडीसन पता है। वाकी आप लोग कुछ कमेंट क्र देओ।
वक्त देने के लिए, धन्यबाद।
Very funny, esa mostly logo ke saath hota hai.......
ReplyDeleteHaaaaaaaaa..........
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