Non-Veg Poems 2: हम हाथों से तो ऐतबार कर ही लेंगे, तू भी हाथों से जादू हज़ार करती जा।
जाने वाले हमारी महफ़िल से, चाँद तारों को साथ लेता जा, बहुत बातें की है ते…
जाने वाले हमारी महफ़िल से, चाँद तारों को साथ लेता जा, बहुत बातें की है ते…
सोचता हूँ कि वो कितने मासूम थे, क्या से क्या हो गए खोजते खोजते, जिस दफ़ा …
देशी लोगों में काफी प्रचलित ये कहावत है। बड़े-बुजुर्ग अक्सर इस कहावत को प्रयोग…
आज दिन भी मंगल है, हर पल काम का दंगल है। उनकी याद में ऐसा खेल किया, काम न ह…
मुझे नहीं पता आपका पाला इस कहावत से पड़ा है। बैसे तो ये कहावत अक्सर उन लोगों पर…
एक रात सुहानी आई थी, खुआवों की लड़ियाँ लाई थी। काली, पीली, पिंक, सुनहिरी, ख़य…
जिसकी तलाश थी, वो अब तक दिखा ही नही। नसीब में जो लिखा था, वो अब तक मिला ही …
अहसान किसी का क्या लेना, हम मुट्ठ पर गुजारा कर लेंगे। जब याद जब उनकी …